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500 और 1000 की नोटो पर प्रतिबंध है एक क्रांतिकारी कदम।

अनुभूति
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8 नवम्बर से 500 और 1000 की नोटो पर प्रतिबंध लगा कर माननीय प्रधानमंत्री जी ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया जो भारतीय अर्थव्यवस्था से काले धन के प्रभाव को खत्म करेगा साथ ही साथ भारत को विश्व की सबसे बड़ी महाशक्ति बनने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है । दुनिया का 1 अरब 25 करोण आबादी वाला देश जिसमे चंद लोगो के पास ही संसाधनो और पूंजी पर कब्जा था लेकिन प्रधानमंत्री के इस फैसले से आर्थिक समाजवाद का प्रारम्भ होगा और गरीब जनता के दिन बहुरेंगे । सबसे बड़ी समस्या उन लोगो के लिए है जो गलत तरीके से धन इकट्ठा करके आम जनता का शोषण करते थे ,धन बल के माध्यम से शासन सत्ता को अपने पच्छ मे मोड लेते थे ,उनके बुरे दिनो की सुरुयात हो चुकी है । अब आम आदमी भी विधायक सांसद बन सकता है । धनबल का प्रभाव खत्म होने से हम अपने प्रतिभा के अनुरूप नौकरी प्राप्त कर सकते है। काले धन का प्रभाव खत्म होने से ,आवश्यक वस्तुओ के दाम मे गिरावट आएगी ।
नकसलवाद ,माओवाद ,आतंकी संगठनो का प्रभाव भी कम होता जाएगा जो अभी से देखा जा रहा है ,कल तक कश्मीर मे पत्थर फेकने वाले लोग आज लाइनों मे लग कर पैसे ले रहे हैं। कुल मिलाकर कहे तो भारत मे इस फैसले से राम राज्य की सुरुयात हो चुकी है ।
दुखद यह है की कुछ लोग इस फैसले का विरोध कर रहे हैं,फैसले के पक्छ मे तमाम उल्टे सीधे तर्क दे रहे है ,जनता की परेशानी का हवाला दे रहे है ,यह सत्य है की इस फैसले से जनता को परेशानी जरूर हुई है ,लेकिन परिवर्तन के लिए हमे इतना सहन करना ही पड़ेगा क्यूंकी बिना त्याग के बदलाव नहीं आ सकता ।
हमारे प्रधानमंत्री जी ने हमसे 50 दिन का समय मांगा है ,उन्होने स्पस्ट कहा है की मात्र 50 दिन मे स्थिति सामान्य हो जाएगी , हमे 50 दिन तक धैर्य बनाए रखना होगा ,50 दिन तक हमे शांत रखना होगा ,अंततोगतवा इसका फाइदा हमे ही मिलना है ,इसलिए बिलकुल धैर्य बनाकर प्रधामन्त्री जी का सहयोग करें ,और पीएम के इस फैसले का समर्थन करें।

अरुण चतुर्वेदी सोनू समाजसेवी 9118954809

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